मुर्ख ब्राह्मण और ठग (Stupid brahmin and swindler) – Short story in Hindi

Brahmin and Swindlers Short story in Hindi
Brahmin and Swindlers Short story in Hindi

एक बार गाँव में एक ब्राह्मण रहता था | उसके पास एक बहुत अच्छी बकरी थी | ब्राह्मण रोज सुबह उठता और उस बकरी को घास डालता था | बकरी खा-खा कर बहुत मोटी हो गयी थी|

एक दिन उस ब्राह्मण ने सोचा की क्यों ना इस बकरी को बेच दूं | इसे बेचकर बहुत पैसे मिल जायेंगे जिससे मैं कई दिनों तक आराम से रह सकता हूं | पर उसके गांव के आस पास कोई दूकान नहीं थी जिसपर वो अपनी बकरी बेच पाए | उसे बकरी बेचने के लिए दूसरे गांव जाना पड़ेगा और दूसरे गांव जाने का रास्ता जंगल के बीच से होकर जाता है | ब्राह्मण ने सोचा की आज जल्दी सो जाता हूं फिर सुबह जल्दी से बकरी को लेकर दूसरे गांव चला जाऊंगा |

ब्राह्मण जंगल में

अगले दिन वह ब्राह्मण जंगल की और निकल पड़ा | बकरी भी उसके साथ साथ चल रही थी | बहुत देर तक चलने के बाद ब्राह्मण ने सोचा की थोड़ा विश्राम कर लिया जाये | फिर वह एक नदी के पास रुक गया | फिर उसने और बकरी ने वहां पर पानी पिया |

Brahmin and goat drinking water in river short story
ब्राह्मण और बकरी नदी में पानी पीते हुए

थोड़ा विश्राम करने के बाद जब ब्राह्मण चलने लगा तो बकरी चलने के लिए तैयार नहीं हुई | ब्राह्मण ने सोचा की यह थक गयी है तो मैं इसे अपने कंधो पर उठा लेता हूं | यह सोचकर ब्राह्मण ने उसे अपने कंधो पर उठा लिया |

फिर ब्राह्मण दूसरे गांव की और चल पड़ा | थोड़ा आगे जाने पर उसे दो ठगों ने देखा | जब ठगों ने बकरी को ब्राह्मण के कंधो पर देखा तो वह समझ गए की यह ब्राह्मण बहुत बेवकूफ है | उन्होंने सोचा की क्यों न इससे बकरी ले ली जाये | यह सोचकर दोनों ठग उससे बकरी हासिल करने की तरकीब सोचने लगे | थोड़ी देर बाद ठगों के दिमाग में एक योजना आयी |

फिर एक ठग ब्राह्मण के पास पहुंचा और बोला अरे ब्राह्मण आप यह चुड़ैल को कंधो पर उठा कर कहाँ जा रहे हो ? ब्राह्मण हॅसने लगा क्यों मज़ाक कर रहे हो मैंने तो बकरी उठाई हुई है | ठग बोला मुझे तो यह चुड़ैल दिखाई दे रही है और बोला मुझे तो अपनी जान प्यारी है मैं तो भाग रहा हूं यहाँ से | यह सुनकर ब्राह्मण हैरान रह गया | पर फिर भी वो चलता रहा |

थोड़ी दुरी पर उसे दूसरा ठग मिला | फिर उसने भी ब्राह्मण को यही बोला की आप यह चुड़ैल को कंधो पर क्यों ले जा रहे हो ? फिर ठग बोला की मुझे तो यह चुड़ैल बहुत खतरनाक लग रही है | मुझे तो अपनी जान प्यारी है मैं तो जा रहा हूं यहाँ से |

अब ब्राह्मण को लगा की जरूर यह बकरी के वेश में चुड़ैल है जो मुझे तो बकरी दिखाई दे रही है और बाकि लोगों को चुड़ैल | मुझे भी अपनी जान बचानी चाहिए | फिर ब्राह्मण बकरी को वहीं पर गिरा कर चला गया |

फिर दोनों ठग उस ब्राह्मण पर बहुत हसें और बकरी ले कर चले गए |

कहानी से सीख

हमें दुसरो की बात पर हमेशा विश्वास नहीं करना चाहिए | हमें दुसरो को बात सुनकर बुद्धि का उपयोग करके ही फैसले लेने चाहिए |

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