हाथी और चींटी की लड़ाई – Short Story in Hindi

Elephant ant short story

एक जंगल में एक हाथी रहता था | हाथी देखने में बहुत बड़ा दिखाई देता था | हाथी को अपने बड़े शरीर पर बहुत घमंड था | वह बाकि सभी जानवरों का मजाक उड़ाया करता था की उनका शरीर बहुत छोटा है और मेरा बहुत बड़ा | मैं जब चाहूं तुम जानवरों को मार सकता हूँ | सभी जानवर हाथी के बर्ताव से बहुत दुखी थे |

उसी जंगल में एक चींटी भी रहती थी | चींटी को अपने काम की वजह से रोज़ हाथी के घर के सामने से गुजरना पड़ता था | हाथी रोज़ चींटी का मज़ाक उड़ाता की वो देखो छोटी चींटी जा रही है | चींटी रोज़ उसकी यह बात सुनती और चुप-चाप वहां से चली जाती |

फिर ऐसा कई दिनों तक चलता रहा | फिर एक दिन रोज़ की तरह चींटी अपने काम की वजह से हाथी के घर के आगे से जा रही थी | तब हाथी ने बोला “हे चींटी तू तो इतनी छोटी है मैं जब जाहे तुम्हे मार सकता हूँ | तुम मेरे घर के आगे से मत जाया करो किसी दिन मुझे गुस्सा आ गया तो तुम बचोगी नहीं |”

चींटी का गुस्सा

चींटी को हाथी की यह बात सुनकर बहुत गुस्सा आया और उसने हाथी को सबक सिखाने का फैसला किया | फिर वह हाथी की सूंड में घुस गयी और हाथी को बार-बार काटने लगी |

हाथी दर्द से चीख पड़ा | हाथी को समझ में नहीं आ रहा था की वो कैसे चींटी को अपनी सूंड से बहार निकाले | हाथी दर्द के मारे इधर उधर भागने लगा | भागते भागते वह एक पत्थर से टकराकर गिर पड़ा और उसके पैर में मोच आ गयी | अब हाथी खड़ा तक नहीं हो पा रहा था | हाथी जोर-जोर से रोने लगा और चींटी से दया की भीख मांगने लगा | चींटी को हाथी पर तरस आ गया और वह उसकी सूंड से बाहर आ गयी |

चींटी ने हाथी से कहा, “किसी के शरीर के लिए किसी का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए | हर कोई अपने शरीर से नहीं बल्किअपने बोले हुए शब्दों और किये हुए कामों के वजह से बड़ा होता है |” हाथी को चींटी की बात समझ में आ गयी और उसने फिर कभी किसी का मज़ाक ना उड़ाने की कसम खायी |

फिर चींटी ने डॉक्टर को बुलाकर हाथी का इलाज करवाया और उसकी मोच वाली जगह पर पट्टी करवायी | हाथी थोड़े दिनों में ठीक हो गया | अब वह सबसे अच्छा बर्ताव करने लगा |

कहानी से सीख

इस कहानी से हमें यह नैतिक शिक्षा मिलती है की कभी भी दूसरों की शारीरिक बनावट के आधार पर उनका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। सच्ची महानता किसी के शरीर के आकार से नहीं बल्कि उसके कार्यों और शब्दों से निर्धारित होती है। यह कहानी दूसरों के साथ सम्मान और सहानुभूति के साथ व्यवहार करने के महत्व के साथ-साथ अहंकार और घमंड के परिणामों के बारे में भी सिखाता है।

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