एक बार गाँव में एक ब्राह्मण रहता था | उसके पास एक बहुत अच्छी बकरी थी | ब्राह्मण रोज सुबह उठता और उस बकरी को घास डालता था | बकरी खा-खा कर बहुत मोटी हो गयी थी|
एक दिन उस ब्राह्मण ने सोचा की क्यों ना इस बकरी को बेच दूं | इसे बेचकर बहुत पैसे मिल जायेंगे जिससे मैं कई दिनों तक आराम से रह सकता हूं | पर उसके गांव के आस पास कोई दूकान नहीं थी जिसपर वो अपनी बकरी बेच पाए | उसे बकरी बेचने के लिए दूसरे गांव जाना पड़ेगा और दूसरे गांव जाने का रास्ता जंगल के बीच से होकर जाता है | ब्राह्मण ने सोचा की आज जल्दी सो जाता हूं फिर सुबह जल्दी से बकरी को लेकर दूसरे गांव चला जाऊंगा |
ब्राह्मण जंगल में
अगले दिन वह ब्राह्मण जंगल की और निकल पड़ा | बकरी भी उसके साथ साथ चल रही थी | बहुत देर तक चलने के बाद ब्राह्मण ने सोचा की थोड़ा विश्राम कर लिया जाये | फिर वह एक नदी के पास रुक गया | फिर उसने और बकरी ने वहां पर पानी पिया |
थोड़ा विश्राम करने के बाद जब ब्राह्मण चलने लगा तो बकरी चलने के लिए तैयार नहीं हुई | ब्राह्मण ने सोचा की यह थक गयी है तो मैं इसे अपने कंधो पर उठा लेता हूं | यह सोचकर ब्राह्मण ने उसे अपने कंधो पर उठा लिया |
फिर ब्राह्मण दूसरे गांव की और चल पड़ा | थोड़ा आगे जाने पर उसे दो ठगों ने देखा | जब ठगों ने बकरी को ब्राह्मण के कंधो पर देखा तो वह समझ गए की यह ब्राह्मण बहुत बेवकूफ है | उन्होंने सोचा की क्यों न इससे बकरी ले ली जाये | यह सोचकर दोनों ठग उससे बकरी हासिल करने की तरकीब सोचने लगे | थोड़ी देर बाद ठगों के दिमाग में एक योजना आयी |
फिर एक ठग ब्राह्मण के पास पहुंचा और बोला अरे ब्राह्मण आप यह चुड़ैल को कंधो पर उठा कर कहाँ जा रहे हो ? ब्राह्मण हॅसने लगा क्यों मज़ाक कर रहे हो मैंने तो बकरी उठाई हुई है | ठग बोला मुझे तो यह चुड़ैल दिखाई दे रही है और बोला मुझे तो अपनी जान प्यारी है मैं तो भाग रहा हूं यहाँ से | यह सुनकर ब्राह्मण हैरान रह गया | पर फिर भी वो चलता रहा |
थोड़ी दुरी पर उसे दूसरा ठग मिला | फिर उसने भी ब्राह्मण को यही बोला की आप यह चुड़ैल को कंधो पर क्यों ले जा रहे हो ? फिर ठग बोला की मुझे तो यह चुड़ैल बहुत खतरनाक लग रही है | मुझे तो अपनी जान प्यारी है मैं तो जा रहा हूं यहाँ से |
अब ब्राह्मण को लगा की जरूर यह बकरी के वेश में चुड़ैल है जो मुझे तो बकरी दिखाई दे रही है और बाकि लोगों को चुड़ैल | मुझे भी अपनी जान बचानी चाहिए | फिर ब्राह्मण बकरी को वहीं पर गिरा कर चला गया |
फिर दोनों ठग उस ब्राह्मण पर बहुत हसें और बकरी ले कर चले गए |
कहानी से सीख
हमें दुसरो की बात पर हमेशा विश्वास नहीं करना चाहिए | हमें दुसरो को बात सुनकर बुद्धि का उपयोग करके ही फैसले लेने चाहिए |