अकबर (Akbar) के साम्राज्य में एक बहुत अच्छा चित्रकार था | उस चित्रकार के पास एक दुर्लभ योग्यता थी | वह किसी भी आदमी का ऐसा चित्र बनाता था की वो एकदम जिन्दा लगे | उसे अपनी चित्रकारी पर बहुत गर्व था | वह एक चित्र बनाने के लिए 5००० सोने के सिक्के लेता था |
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एक बार उसके पास एक अमीर आदमी आया | आदमी ने बोला, “अगर तुम मेरा एक चित्र बनाओगे जिसमे कोई गलती ना हो तो मैं तुम्हे 25000 सोने के सिक्के दूंगा जो की तुम्हारे एक चित्र बनाने की कीमत से 5 गुना ज्यादा होगी” | चित्रकार मान गया और वह अगले दिन से ही उस आदमी का चित्र बनाने में लग गया |
चित्रकार कई दिनों तक चित्र बनाता रहा | जब चित्र तैयार हो गया तो चित्रकार ने उस आदमी को अपने घर बुलाया और वह चित्र दिखाया | उस आदमी ने उस चित्र को देखा | थोड़ी देर बाद उस चित्र को देखने के बाद बोला की आपने इस चित्र के कान ठीक नहीं बनाये | चित्रकार का मन निराश हो गया | पर उस आदमी ने फिर चित्र बनाने को कहा |
अब चित्रकार को एक और मौका मिल गया | उसने आपकी बार सोचा की मैं बहुत अच्छा चित्र बनाऊंगा | फिर उसने रात दिन एक कर दिया | फिर जब उस आदमी का चित्र बन गया तो चित्रकार ने फिर उस आदमी को दिखाया | वह आदमी फिर बोला अबकी बार आपने इसमें मेरा हाथ सही नहीं बनाया इसमें जरा सा गलती है |
चित्रकार ने फिर उसके कई चित्र बनाये पर वह आदमी फिर उसमे कोई ना कोई गलती निकाल देता | ऐसा कई महीनो तक चलता रहा | चित्रकार अब हार मान चूका था | वह बहुत लज़्ज़ित महसूस करने लगा था | उसकी कला का बार-बार अपमान हो रहा था | फिर उसने सोचा की ऐसे अपमान से अच्छा तो मैं मर जाऊँ |
फिर यह सोचकर वह जमुना नदी में डूबने चला गया | जब वह जमुना के पुल के ऊपर खड़ा था तभी वहां पर बीरबल (Birbal) जो की अकबर का एक बुद्धिमान दरबारी था उसे मिला और उसके दुखी होने का कारण पूछा | चित्रकार ने उसे पूरी बात बताई और कहा की यह अपमान मैं और बर्दाश्त नहीं कर सकता और मैं अपने जीवन को खत्म करना चाहता हूँ | बीरबल ने उसे समझाया जीवन खत्म करना कोई उपाय नहीं होता हमें जिंदगी की चुनौतियों का सामना करना चाहिए | यह बोलकर बीरबल ने बोला की मैं उस आदमी का चित्र बनाऊंगा कल सुबह उस आदमी को अपने घर पर बुला लेना | चित्रकार को यह सुनकर बहुत अच्छा लगा और वह घर चला गया और अगले दिन उस आदमी को आने के लिए बोल दिया |
जब अगले दिन वह आदमी आया तो बीरबल उसके सामने खड़ा था | फिर उस आदमी ने चित्रकार को अपना चित्र दिखाने के लिए कहा तो बीरबल ने बताया की आपका चित्र मेरे पास है | फिर बीरबल ने अपने पास रखे एक चित्र पर पर्दा हटाया तो उस जगह एक शीशा (mirror) लगा हुआ था | जब उस आदमी ने उस शीशे में अपने आप को देखा तो उसे अपना शरीर ही दिखाई दिया जो हु-बहु उसके जैसा था वह समझ गया की बीरबल उसके क्या कहना चाहता है की अगर आपको अपनी ऐसी तस्वीर चाहिए तो आपको शीशा देखना चाहिए न की कोई चित्र |
फिर आदमी ने वो शीशा लिया और चित्रकार को तय दिया हुआ इनाम दिया और घर चला गया | चित्रकार यह देखकर बहुत खुश हुआ और बीरबल को धन्यवाद किया | बीरबल का यह कहानी दूर तक फ़ैल गयी और बीरबल अपनी बुद्धिमता के लिए बहुत मशहूर हो गया |
कहानी से सीख
यह कहानी हमें यह सिखाती है की हमें अपनी जिंदगी में आयी चुनौतियां का सामना करना चाहिए और कभी भी हार नहीं माननी चाहिए |