गिनती कौओं की – अकबर बीरबल की कहानियाँ | Counting of Crows – Akbar Birbal Stories

Birbal counting crows - moral short story in hindi

बीरबल (Birbal) के चतुराई की ख्याति दूर के देशो तक पहुंच गयी थी| कई दूसरे देशो के विद्वान बीरबल के बुद्धिमता की परीक्षा लेना चाहते थे| एक दिन एक विद्वान अकबर (Akbar) राजा के दरबार में पेश हुआ| उसने राजा का अभिवादन किया और कहा, “महाराज मैं दूर देश से आया हूँ और मैं बीरबल से एक सवाल पूछना चाहता हूँ|”

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अकबर समझ गया की यह विद्वान बीरबल की बुद्धिमता की परीक्षा लेना चाहता है| अकबर राजा ने उस विद्वान को बीरबल से प्रश्न पूछने की आज्ञा दे दी| विद्वान अकबर की और मुड़ा और कहा, “बीरबल मैंने आपके राज्य के कौओं की गिनती करना चाहता हूँ| क्या आप बता सकते हैं आपके राज्य में कितने कौए हैं|”

बीरबल बोला, “विद्वान मैंने अभी तक हमारे राज्य के कौओं की गिनती नहीं करी है| आप मुझे एक दिन का समय दें| मैं कल तक आपको कौओं की गिनती करके बता दूंगा|”

अकबर ने बीरबल को अपने पास बुला और धीरे से उससे बोला, “बीरबल यह विद्वान तुम्हारी परीक्षा लेना चाहता है| तुम इतने सारे कौओं की गिनती कल तक नहीं कर पाओगे| तुम्हे इससे थोड़ा और समय लेना चाहिए|” बीरबल बोला, “नहीं महाराज मुझे और समय नहीं चाहिए मैंने कल तक सरे कौओं की गिनती कर लूंगा|” अकबर सोच में पढ़ गया की बीरबल इतनी जल्दी अपने राज्य के कौओं की गिनती कैसे कर लेगा| पर अकबर को बीरबल की बुद्धिमता पर भरोसा था उसे पता था बीरबल कुछ न कुछ कर ही लेगा|

अगले दिन अकबर राजा बहुत बेसब्री से बीरबल का इंतज़ार कर रहे थे| बीरबल दरबार में थोड़ा देरी से आया| बीरबल के आते ही अकबर राजा ने पूछा, “बीरबल क्या तुमने कौओं के गिनती पूरी कर ली है|” बीरबल ने बोला, “हाँ महाराज, मैंने आपने राज्य के सभी कौओं की गिनती पूरी कर ली है|” अकबर और विद्वान यह सुनकर हैरान रह गए| फिर विद्वान ने पूछा की फिर बताओ की आपने राज्य में कितने कौओं हैं|

बीरबल बोला, “हमारे राज्य में 11525 कौओं हैं|” विद्वान बोला, “की आप इतने यकीन से कैसे कह सकते हो| अगर इससे ज्यादा हुए तो|” तो बीरबल ने बड़ी विनम्रता से जवाब दिया, “अगर ज्यादा हुए तो कुछ कौए दूसरे राज्यों से हमारे देश में आये हैं|” फिर विद्वान बोला, “और अगर कम हुए तो|” तो बीरबल ने उत्तर दिया, “अगर कम हुए तो समझ लेना की कुछ कौए हमारे राज्यों से बाहर घूमने गए हैं|” बीरबल बोला, “अगर किसी को मेरे जवाब में संदेह है तो वो खुद जाकर कौओं की गिनती कर सकता है|”

यह सुनकर पूरा दरबार हंस पड़ा| विद्वान को अपने आप पर बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई| अकबर ने भी बीरबल की बुद्धिमता की तारीफ़ की|

कहानी से सीख (Moral of the Story):

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हम किसी भी समस्या का समाधान अपने दिमाग का इस्तेमाल करके निकल सकते हैं|

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