एक बार की बात है | अकबर राजा अपने दरबार में अपने दरबारियों की साथ अपने राज्य के बारे में कुछ विचार विमर्श कर रहे थे | बीरबल में उस सभा में मौजूद था | बीरबल से सभी दरबारी जलते थे | सभी दरबारियों ने सोचा की क्यों न अकबर राजा के सामने बीरबल की बुद्धिमता की परीक्षा ली जाये | फिर उन्होंने अपने पास के गांव से एक किसान को बुला लिया और उसे अपने योजना बताई और उसे बहुत सारे पैसो का लालच दिया | किसान भी मान गया |
अगले दिन वह किसान वह किसान दरबार में आया | उसके हाथ में एक मटका था | सब लोग उस मटके को ही देखने लगे | फिर किसान अकबर के पास जाकर बोला | महाराज मैं दूर देश से आया हुईं और मैंने बीरबल की बुद्धिमता के बहुत किस्से सुने है और मैं उसकी परीक्षा लेना चाहता हूं |
बीरबल की परीक्षा
महाराज को बीरबल पर पूरा भरोसा था | उसने बीरबल के तरफ देखा तो बीरबल ने भी हामी भर दी | फिर अकबर ने बोला की बताओ तुम बीरबल की कैसे परीक्षा लेने चाहते हो | किसान बोला की मेरे पास यह मटका है जिसमे रेत और चीनी मैंने मिला दी है अगर बीरबल बिना पानी के उपयोग करे रेत और चीनी को अलग कर दे तो मैं मान जाऊंगा की बीरबल बहुत बुद्धिमान है |
सभी दरबारी सोचने लगे की यह काम तो बीरबल नहीं कर पायेगा और अकबर के नज़रो में बीरबल गिर जायेगा | फिर अकबर ने बीरबल के तरफ देखा | बीरबल मुस्कराया और बोला की महाराज की यह तो मेरे दांये हाथ का खेल है | यह सुनकर सब दरबारी और अकबर हैरान रह गए |
फिर बीरबल अपनी जगह से उठा और किसान को अपने साथ अपने बचीगे में ले गया | वहां पर एक आम को पेड़ था | बीरबल उस पेड़ के नीचे खड़ा हो गया | और वहां पर अपने दायें हाथ से मटके को उल्टा कर दिया | किसान बोला की रेट और चीनी को अभी तक अलग नहीं हुई | तब बीरबल बोला की अब हमें कल सुबह तक इन्तज़ार करना होगा |
अगले दिन किसान फिर राजा के दरबार में आया | फिर सब मिलकर उसी आम के पेड़ के पास गए | अब वहां पर सिर्फ रेत ही बची हुई थी | सब यह देखकर हैरान रह गए | फिर किसान अचंभित होकर बोला की चीनी कहाँ गयी | तब बीरबल ने बताया की इस आम के पेड़ के नीचे बहुत चींटियां रहती है जिन्होंने रातों रात सब चीनी अपनी रहने की जगह पर ले गयी | अब तुम्हारी चीनी वह सब मज़े से खा रही होंगी |
यह सुनकर सब हंसने लगे | किसान को बीरबल की बुद्धिमता को मान गया और सब दरबारी भी बीरबल की बुद्धिमता की तारीफ करने लगे | फिर अकबर ने किसान को बोला की तुम्हे अपनी चीनी चाहिए तो तुम चींटियों की गुफा में जाकर उनसे ले सकते हो | यह सुनकर फिर से सब हंसने लगे |
कहानी से सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की कभी दुसरो को अपमानित करने का प्रयास न करें कभी कभी यह आपके लिए भी हानिकारक हो सकता है |