चांदनी परी और जादुई फल – Moonlight Fairy and Magic Flower – Pari ki Kahani

परी की कहानी (Pari ki Kahani) में पहली कहानी चांदनी परी और जादुई फल की है | बहुत पुरानी बात है, परी लोक में चांदनी नाम की एक परी रहती थी | चांदनी परी बहुत सुन्दर थी | वह अपने खूबसूरत पंखो और जादुई मुस्कान के लिए पुरे परी लोक में मशहूर थी | वह हमेशा दुसरो की मदद करती और दुसरो के दुख दूर करने का प्रयास करती |

परी लोक से दूर धरती पर एक छोटा सा गाँव था रामपुर | रामपुर गाँव में एक नदी बहती थी जिसकी वजह से वहां पर लोग खेती करके अपना गुजारा करते थे | लेकिन एक दिन रामपुर में वह नदी सुख गयी और रामपुर में सूखा पड़ गया | गाँव के लोग दाने-दाने के लिए मोहताज़ हो गए | गाँव वालों के पास न तो पीने के लिए पानी था न ही कोई भोजन |

सूखे की बात परी लोक तक भी पहुंची और जब यह बात चांदनी परी तक पहुँची तब वह बहुत दुखी हुई | उसने गाँव वालो की मदद करने की सोची | तब चांदनी परी ने अपनी जादुई किताब खोली और उसमे कोई उपाय खोजने लगी | जल्द ही उसे एक उपाय मिल गया और उपाय का नाम था “जादुई फल” | किताब में लिखा था की जादुई फल से किसी भी नदी में पानी दुबारा आ सकता है |

लेकिन जादुई फल को पाना आसान नहीं था | जादुई फल एक काले जंगल के बीच में था और उस जंगल को भूत-प्रेतों और खतरनाक जानवरों ने घेरा हुआ था | परी जानती थी इस जंगल को पार करना आसान नहीं है पर उसे अपनी माँ परी की कहानी (Pari ki kahani) याद आ गयी की जैसे माँ ने भी अपनी जान पर खेलकर कुछ लोगों की मदद करी थी उसी तरह चांदनी परी ने भी सोचा की मैं भी यह कठिन रास्ते पर चलूंगी | फिर उसने काले जंगल जाने का फैसला किया |

Also read Short Stories in Hindi

काला जंगल और परी की कहानी

परी जब काले जंगल पहुंची तो उसे डरावनी आवाजें आने लगी | परी पहले तो डरी पर फिर उसने हिम्मत करके आगे बढ़ने का फैसला किया | थोड़ी दूर जाते ही उसे एक खतरनाक जानवर ने घेर लिया लेकिन परी के पास एक जादुई छड़ी थी जिसकी मदद से वह उसे हारने में सफल रही | ऐसे ही चांदनी परी सारी मुसीबतों को अपनी बुद्धिमता से पार किया |

आगे जाकर उसे एक घायल पक्षी मिला जिसे पैरो में चोट लगी हुई थी जिसकी वजह से वह चल भी नहीं पा रहा था | पारी ने अपनी जादू की छड़ी से उसके पैर सही कर दिए | पक्षी ने उसका धन्यवाद दिया और उसे जादुई फल तक पहुँचने तक का रास्ता बताया और यह भी बताया की उस जादुई फल की रक्षा एक जादूगर करता है जिसे हरा पाना बहुत मुश्किल है |

परी फिर आगे चली और जादुई फल तक पहुँच गयी | जैसे ही उसने जादुई फल को हाथ लगाया तभी वहां पर वह जादूगर आ गया | उसने कहा, “एक जादुई फल को कोई नहीं ले जा सकता | अगर तुमने ऐसे हाथ लगाया तो मैं तुम्हें मार दूंगा | ” परी ने बड़ी विनम्रता से उसको जादुई फल लेने का कारण बताया | उसने बताया की मुझे गाँव वालो की मदद करने के लिए यह फल चाहिए | जादूगर उसकी विनम्रता और दुसरो की मदद करने की भावना देखकर बहुत प्रसन्न हुआ और उसने परी को जादुई फल ले जाने दिया |

परी वह जादुई फल लेकर गाँव में आ गयी और उसने वह जादुई फल नदी में रखा | थोड़ी देर में ही पूरी नदी पानी से भर गयी | सभी गाँव वालों ने मिलकर चांदनी परी को धन्यवाद दिया | परी लोक में भी चांदनी परी की दयालुता और साहस की चर्चा होने लगी |

आज भी रामपुर गाँव में चांदनी परी की कहानी (pari ki kahani) सुनाई जाती है | आज तक उस नदी का पानी कभी नहीं सूखा | लोग आज भी बोलते हैं की चांदनी परी हमेशा उनके साथ है और जब भी गाँव वालों पर कोई मुसीबत आती है तो परी हमेशा उनकी मदद करने आती है |

Akbar Birbal Stories in Hindi

कहानी से सीख (Moral of the Story): साहस और दया बहुत बड़ी ताकतें हैं | जब हम दुसरो की मदद के लिए अपने स्वार्थ और डर को छोड़कर काम करते हैं, तो न केवल कठिनाइओं को पार कर सकते हैं, बल्कि दुसरो के जीवन में खुशियाँ भी ला सकते हैं |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.