बहुत समय पहले एक गाँव में एक परी रहती थी | सब गाँव वाले अपनों बच्चो को उसी परी की कहानी सुनते थे | सब लोग उसे “जादुई खजाने वाली परी” बोलते थे क्यूंकि उसके पास एक जादुई खजाना था | परी ने जादुई खजाने से कई लोगो की मदद करी थी | लेकिन उसका खजाना को सिर्फ वही इन्सान हाथ लगा सकता था जो सच्चे दिल से दुसरे लोगो की भलाई के बारे में सोचे |
एक बार गाँव में बहुत सूखा पड़ा | सब खेत सुख गए थे और कुऍं खाली हो गए | लोगो के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा | सभी गाँव वालों ने मिलकर एक बैठक बुलाई | सबने मिलकर फैसला किया और कहा, “हमें जादुई खजाने वाली परी की मदद लेनी चाहिए | वह जरूर हमारी समस्या का हल निकालेगी | ” सबको यह बात पसंद आयी और अगले दिन गाँव के कुछ लोग परी से मिलने गए | और यहीं से परी की कहानी शुरू होती है |
परी ने सबकी बात सुनी और कहा, “मैं मदद करने के लिए तैयार हूं | पर मेरे खजाने को सिर्फ वो इन्सान ही हाथ लगा सकता है जो सच्चा हो और सभी में ऐसे दुसरो की भलाई में इस्तमाल करना चाहेगा |”
गाँव के कई लोग खजाने को पाने के लिए आगे आए | सबसे पहले एक धनी व्यापारी आया | उसने सोचा, “की थोड़े पैसे मैं गरीबों में बाँट दूंगा बाकि पैसे मैं अपने पास रख लूंगा और मैं और भी आमिर हो जाऊंगा | ” लेकिन जैसे ही व्यापारी ने खजाने को हाथ लगाया खजाना गायब हो गया | परी मुस्कराते हुए बोली, “आप सच्चे इन्सान नहीं हो इसलिय खजाना गायब हो गया | “
फिर गाँव का साहूकार आया | उसने सोचा, “मैं खजाने से कर्ज का धंधा शुरू करूँगा और बहुत पैसे कमाऊंगा | ” फिर जैसे ही उसने खजाने को हाथ लगाया खजाना गायब हो गया | परी फिर बोली “यह खजाना आपके लिए भी नहीं है | “
फिर एक गाँव की गरीब महिला आयी | उसने परी से कहा, “मुझे इस खजाने की जरूरत नहीं है | मैं इसका इस्तमाल लोगो की भलाई के लिए करुँगी | ” परी ने बोला, “तुम खजाने को हाथ लगाओ | खजाना खुद तय करेगा की तुम उसके लायक हो या नहीं | ” यह बात सुनकर महिला ने खजाने को हाथ लगाया और खजाना चमकने लगा | खजाने के अंदर से कभी न ख़तम होने वाले पानी के जादुई घड़े और भोजन के भंडार प्रकट हुए | परी ने बोला, “तुम सच्ची इन्सान हो | तुम इस खजाने का इस्तमाल कर सकती हो | “
उस महिला ने उस खजाने का इस्तमाल गाँव वालो की भलाई के लिए किया | उसने सभी गाँव वालो को मुफ्त में भोजन करवाया और किसानों को दुबारा खेती करने के लिए बीज खरीदने में भी मदद करी | जल्दी ही गाँव की सारी मुसीबतें खत्म हो गयी और गाँव खुशहाल हो गया |
सभी ने उस महिला और परी का धन्यवाद दिया |
परी की कहानी से सीख (Moral of the Story): यह कहानी हमें यह सिखाती है की सच्चा धन हमें उन्ही लोगो को मिलता है जो निस्वार्थ होकर दुसरो की मदद करते हैं |