इस पेज में मैं आपके साथ Top 10 Moral Stories in Hindi बताऊंगा | यह कहानियाँ न सिर्फ आपको जीवन में मार्गदर्शन करेंगी बल्कि यह आपको जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाएंगी | नैतिक कहानियाँ बच्चों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं | यह उन्हें जीवन के मूल्यों को सिखाती है और उनके व्यक्तित्व को एक सही आकार देती हैं | यह कहानियाँ हमें बुद्धिमत्ता, दया और ईमानदारी सिखाती हैं |
हिंदी में बहुत सारी नैतिक कहानियाँ हैं | लेकिन हम हर कहानी तो नहीं पढ़ सकते | इसलिय मैं आपके लिए Top 10 Moral Stories with Picture लाया हूं जिससे की आप काम समय में ही अच्छी कहानियाँ पढ़ पाएँ और आपने जीवन को निखार पाएँ |
हर कहानी में कुछ विशेष है |
- सच्चे दोस्त की परख: दोस्ती की परीक्षा और सच्चे दोस्त की पहचान की कहानी।
- प्यासा कौआ: समस्या को समझदारी से हल करने का सबक।
- ईमानदार लकड़हारा: ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है।
- शेर और चूहा: छोटे-से प्राणी भी बड़े काम कर सकते हैं।
- लालची कुत्ता: लालच के बुरे परिणामों की शिक्षा।
Table of Contents
1. सच्चे दोस्त की परख – Test of True Friend – Short Moral Story
एक समय की बात है, राजू और मोहन दो दोस्त थे | दोनों एक ही गाँव में रहते थे और एक-दूसरे पर बहुत विश्वास करते थे | दोनों दोस्त हर वक्त साथ में रहते थे और मानते थे कि उनकी दोस्ती हर परीक्षा में खरी उतरेगी | एक दिन उन्होंने जंगल में घूमने का निर्णय लिया दोनों सुबह-सुबह निकल पड़े और जंगल के अंदर घूमने लगे |
जंगल में चलते-चलते वे हंसी-मजाक कर रहे थे कि अचानक, एक भालू उनके सामने आ गया | भालू को देखकर राजू बहुत डर गया | उसकी आदत थी कि वह पहले अपनी बारे में सोचता था फिर किसी और के बारे में | राजू को अपने सामने एक पेड़ दिखाई दिया, और बिना कुछ सोचे-समझे वह तेजी से पेड़ पर चढ़ गया उसने अपनी जान बचाने के बारे में सोचा और मोहन को वहां पर छोड़ दिया | मोहन को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था और अब वह डर से कांपने लगा पर वह समझदार था और उसने सुना था कि भालू मृत शरीर को छोड़ देते हैं |
जल्दी से उसने अपने आप को संभाला और जमीन पर लेट गया | उसने अपनी सांसें रोक लीं और ऐसा नाटक किया मानो वह मर चुका हो | भालू धीरे-धीरे उसके पास आया और उसे सूंघने लगा मोहन ने बिल्कुल भी हलचल नहीं की, और अपनी सांस भी धीमी कर ली | कुछ ही देर में भालू को लगा कि वह सच में मर चुका है, तो उसने मोहन को छोड़ दिया और वहां से चला गया | जैसे ही भालू दूर गया, राजू पेड़ से नीचे उतरा और मोहन के पास आकर हंसते हुए बोला, “भाई, भालू तुम्हारे कान में क्या कह रहा था?”
मोहन ने गहरी सांस लेते हुए कहा, “भालू ने मुझे बताया कि सच्चा दोस्त वही होता है जो मुश्किल वक्त में साथ खड़ा रहे | ” यह कहकर मोहन ने राजू की ओर देखा और आगे बढ़ गया | मोहन को समझ आ गया था कि राजू सिर्फ अपनी जान बचाने के बारे में सोचता है, दोस्ती निभाने के बारे में नहीं |
यह बात राजू के दिल को छू गई, और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ उसे समझ में आया कि दोस्ती में सिर्फ साथ हंसना-मजाक करना ही नहीं बल्कि मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ निभाना भी जरूरी होता है |
कहानी से शिक्षा (Moral of the Story) : इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चा दोस्त वही है जो हर परिस्थिति में हमारा साथ दे | ऐसे दोस्त का साथ सच्ची दौलत होती है, जो हमें कभी अकेला महसूस नहीं होने देता |
2. चतुर कौवा और पानी का घड़ा – Clever Crow and Pot of Water
गर्मियों के दिन चल रहे थे | एक जंगल में एक कौवा था | वह बहुत प्यासा था| कौवा दूर – दूर तक पानी की तलाश में घूमता रहा पर उसे कहीं भी पानी नहीं मिल रहा था | कौवा बहुत थक गया था | प्यास से उसकी जान निकल रही थी पर उसे कहीं भी पानी नहीं मिल पा रहा था |
बहुत देर उड़ने के बाद उसे एक छोटा सा घड़ा दिखाई दिया | कौवा बहुत खुश हुआ और जल्दी से उस घड़े के पास गया | कौवा ने घड़े में झाँका तो उसने देखा घड़े में बहुत ही कम पानी था और उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुँच सकती थी | उसे बहुत दुःख हुआ | फिर भी उसने अपनी चोंच घड़े में डाल कर पानी पीने की कोशिश करी | पर वह पानी तक नहीं पहुँच पा रहा था |
कौवा सोच में पड़ गया और सोचने लगा की “अब मैं क्या करूँ? ” | बहुत सोचने के बाद कौवा को एक तरकीब मिल गयी | उसने देखा की घड़े के पास बहुत से छोटे-छोटे से कंकड़ पड़े हैं | उसने सोचा की क्यों नहीं मैं एक-एक करके कंकड़ घड़े में डालू जिससे की घड़ा कंकरों से भर जाये और बचा हुआ पानी ऊपर आ जाये |
फिर कौवे ने एक-एक कंकड़ उठाकर घड़े में डाला | जैसे-जैसे वह कंकड़ डालता रहा, घड़े का पानी ऊपर आने लगा | और थोड़ी ही देर में पानी घड़े से ऊपर आ गया |
अब कौवे की चोंच पानी तक पहुँच सकती थी | कौवे ने जी भरकर पानी पिया और अपनी प्यास बुझायी | फिर वह ख़ुशी-ख़ुशी उड़ गया | इस तरह समझदारी ने उसने अपनी समस्या का हल निकाला |
कहानी से सीख (Moral of the Story): कौवा की कहानी हमें कभी भी हार नहीं मानना सिखाती है | यदि हम समझदारी से काम लें तो हर समस्या का हल निकाला जा सकता है |
3. ईमानदार लकड़हारा – Honest Woodcutter – Top 10 Moral Stories in Hindi with Pictures
एक गाँव में एक रमेश नाम का लकड़हारा रहता था | वह रोज जंगल जाता और वहां से लकड़ियाँ काटता और उन्हें बाजार में बेचकर कुछ पैसे कमा लेता था | रमेश बहुत गरीब था पर वह बहुत ईमानदार था | सब गाँव वाले उसकी ईमानदारी की बहुत तारीफ़ करते थे | वह अपनी मेहनत से जो भी कमाता था उसी में खुश रहता था |
एक दिन रमेश नदी किनारे पेड़ की लकड़ियाँ काट रहा था | तभी उसकी कुल्हाड़ी उसके हाथ से फिसलकर नदी में गिर गयी | रमेश बहुत डर गया क्यूंकि उसके पास सिर्फ एक ही कुल्हाड़ी थी | उसने नदी में छलांग लगा दी पर उसे अपनी कुल्हाड़ी नहीं मिली | वह थक-हारकर एक जगह पर बैठ गया और सोचने लगा की “अब मैं अपना काम कैसे करूँगा | मेरे पास तो दूसरी कुल्हाड़ी लेने के लिए पैसे भी नहीं है | “
रमेश अब रोने लगा और भगवान् से प्रार्थना करने लगा | उसी नदी में एक देवता भी रहते थे | उन्होंने रमेश की रोने की आवाज़ सुनी और नदी से बाहर आकर देखा | वह रमेश को पहचान गए और मन में सोचा की “गाँव वाले रमेश की ईमानदारी की बहुत तारीफ़ करते हैं | क्यों ना मैं इसकी ईमानदारी की परीक्षा लूं ? “
देवता यह सोचकर रमेश के सामने आ गए और उससे बोले “तुम क्यों उदास हो ?” रमेश ने बताया की मैं नदी के ऊपर पेड़ से लकड़ियाँ काट रहा था की तभी मेरी कुल्हाड़ी नदी में गिर गयी | मेरे पास एक ही कुल्हाड़ी थी | यह सुनकर देवता बोले की “हे रमेश, तुम चिंता मत करो मैं अभी तुम्हारी कुल्हाड़ी ले आता हूं |”
देवता ने नदी में डुबकी लगायी और एक सोने की कुल्हाड़ी लेकर बाहर आ गए | फिर वह रमेश से बोले “यह लो अपनी कुल्हाड़ी |” रमेश कुल्हाड़ी देखकर उदास हो गया और बोला “यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है मेरी कुल्हाड़ी तो लोहे की थी |”
देवता ने फिर से डुबकी लगायी और अबकी बार चांदी की कुल्हाड़ी लेकर बाहर आ गए | फिर उन्होंने पूछा की “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?” रमेश ने फिर से मना कर दिया और बोला की “मेरी कुल्हाड़ी तो साधारण लोहे की है |”
आखिर में देवता लोहे की कुल्हाड़ी लेकर नदी से बाहर आये और फिर रमेश से पूछा की “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है ?” रमेश अपनी कुल्हाड़ी देखकर खुश हो गया और देवता को ख़ुशी से बताया “हां, यही मेरी कुल्हाड़ी है |”
देवता उसकी ईमानदारी देखकर बहुत प्रसन्न हुए | फिर उन्होंने रमेश को सोने और चांदी की कुल्हाड़ी भी उपहार में दी |
रमेश बहुत खुश हुआ और देवता को धन्यवाद करके अपने गाँव लौट गया | गाँव में जब सबको देवता के उपहार के बारे में बता चला तो सबने रमेश की बहुत तारीफ़ करी |
कहानी से सीख (Moral of the Story): इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की ईमानदारी का फल हमेश मीठा होता है | हमें अपना काम पूरी ईमानदारी से करना चाहिए भगवान् जरूर ईमानदारी का मीठा फल देता है |
4. ताकतवर शेर और कमजोर चूहे की कहानी – Strong Lion and Mouse Story
एक बहुत बड़े जंगल में एक शेर रहता था | शेर बहुत ताकतवर था और उसे अपनी ताकत पर बहुत घमंड था | जंगल के सभी जानवर उससे डरते थे | एक दिन शेर एक पेड़ के नीचे आराम से सो रहा था | तभी वहां एक चूहा खाने की तलाश में पेड़ पर चढ़ गया | पर उसका संतुलन बिगड़ गया और वह सीधा शेर के ऊपर गिर गया | चूहे के गिरने से शेर की नींद ख़राब हो गयी और वह नींद से उठ गया |
शेर बहुत गुस्से में उठा और चूहे को अपने पंजो में पकड़ लिया | शेर दहाड़ते हुए बोला, “तूने मेरी नींद ख़राब की है | अब मैं तुझे खा जाऊंगा |” चूहा यह सुनकर बहुत डर गया और थर-थर कापने लगा | लेकिन चूहे ने हिम्मत नहीं हारी और बहुत विनम्रता से शेर को बोला, “आप तो जंगल के राजा हैं | मुझे माफ़ कर दीजिये | अगर आप मुझे छोड़ देंगे तो एक दिन मैं आपके जरूर काम आऊंगा |” शेर उसकी बात सुनकर हंस पड़ा और बोला, “तू इतना छोटा सा चूहा! भला तू मेरी मेरी क्या मदद करेगा |” हंसी के कारण शेर का गुस्सा थोड़ा शांत हुआ और फिर उसने चूहे को जाने दिया | चूहा शेर का धन्यवाद करता हुआ वहां से भाग गया |
कुछ दिनों बाद, जंगल में एक शिकारी आया और उसने शेर को फ़साने के लिए एक जाल बिछाया | जाल बिछाके शिकारी वहां से चला गया | कुछ देर बाद वही शेर वहां पर आया और उस जाल में फंस गया | शेर ने जाल से निकलने की बहुत कोशिश करी लेकिन वह नहीं निकल पाया | शेर ने मदद के लिए जोर-जोर से दहाड़ लगायी | उसकी दहाड़ सुनकर वही चूहा वहां पर आ गया और शेर को वहां पर जाल में फंसा हुआ देखा तो बोला, “शेर जी! आप चिंता मर करिये मैं आपको इस जाल से बाहर निकल लूंगा |” शेर बोला, “अरे चूहे तू तो बहुत छोटा है इस जाल को कैसे हटाएगा |” चूहा मुस्कराते हुए बोला, “भगवान् ने मुझे बहुत नुकीले दांत दिए हैं जिसकी मदद से मैं इस जाल को काट लूंगा |” फिर चूहे ने जल्दी से जाल को काटना शुरू किया और थोड़ी ही देर में उसने पूरा जाल काट लिया और शेर अब आजाद हो गया |
शेर ने मुस्कराते हुए बोला, “मैंने तुम्हे छोटा और कमजोर समझ कर गलती करी | आज तुमने मेरी मदद करके यह साबित कर दिया की कोई भी छोटा और कमजोर नहीं होता |” फिर शेर और चूहे की दोस्ती हो गयी |
कहानी से सीख (Moral of the Story) : यह कहानी हमें सिखाती की कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता | हर किसी की अपनी एक खासियत होती है और हमें हर किसी का सम्मान करना चाहिए |
5. लालची कुत्ता – Bait Dog
एक छोटे से गाँव में एक कुत्ता था | कुत्ता बहुत दिनों से भूखा था और उसे खाने के लिये कुछ नहीं मिल रहा था | कुत्ता परेशान होकर इधर उधर घूम रहा था | की तभी उसे एक रोटी का टुकड़ा मिला | वह बहुत खुश हुआ और उसने जल्दी से रोटी के टुकड़े को मुँह में दबाया और वहां से चल पड़ा |
कुत्ता सोच रहा था, “इस रोटी को खाकर मेरा पेट भर जायेगा | लेकिन यहाँ पर और भी कुत्तें हैं कहीं यह मुझसे यह रोटी का टुकड़ा छीन न लें | मुझे जल्दी से किसी सुरक्षित स्थान पर जाना चाहिए |”
रोटी का टुकड़ा लेकर वह जल्दी से नदी के पास पहुँचा | फिर वह नदी के साथ – साथ चलने लगा फिर थोड़ी दूर जाकर उसे लगा यह सही जगह है यहाँ पर बैठकर मैं आराम से रोटी का टुकड़ा खा सकता हूं |
तभी उसने नदी के अंदर देखा और और ऐसा लगा की पानी में एक और कुत्ता है और जिससे मुँह में भी एक रोटी का टुकड़ा है | उसे वह कुत्ता बहुत कमजोर लगा और उसने सोचा “की क्यों नहीं मैं इससे यह रोटी का टुकड़ा ले लूं जिससे की मेरा पेट और भी भर जायेगा | ”
यह सोचकर उसने पानी में अपनी परछाई के ऊपर भोंकना शुरू किया | कुत्ते ने जैसे ही मुँह खोला, उसकी अपनी रोटी भी पानी में गिर गयी और पानी के तेज बहाव में बह गयी |
अब कुत्ते के पास कोई रोटी नहीं बची थी | उसे अपनी मूर्खता और लालच पर बहुत पछतावा हुआ | कुत्ते ने सोचा “की अगर मैं लालच नहीं करता और अपनी रोटी पर ही ध्यान देता, तो मेरा पेट भर जाता | “
कहानी से सीख (Moral of the story): लालच बुरी बला है | हमारे पास जो भी है, उसी में संतोष रखना चाहिए और अपने पास वाली चीज़ों की कदर करना चाहिए |